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एटीएम कार्ड बदलकर भोले-भाले लोगों के फ्रॉड करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश में दे चुके हैं आपराधिक वारदातों को अंजाम

 क्राईम ब्रान्च पुलिस ने लोगों से एटीएम कार्ड बदलकर एटीएम मशीन से रूपये निकालने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इन गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से कब्जे से 20 फर्जी एटीएम कार्ड व अवैध शस्त्र बरामद किये हैं। ये अपराधी गाजियाबाद, दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश में।सक्रीय हैं और कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। एसीपी अपराध ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में सतीश उर्फ काकू निवासी चांदबाग दिल्ली तथा सुनील तंवर निवासी ग्राम खैला थाना चांदीनगर जनपद बागपत हैं। पूछताछ पर अभियुक्त सतीश उर्फ काकू ने बताया कि मै 7वीं पास हूँ मैं पहले कार मैकेनिक का काम करता था परन्तु मेरा काम नही चल रहा था और न ही उसमे ज्यादा फायदा ही हो रहा था, ज्यादा कमाई न हाने के कारण मैं वाहन चोरी में लिप्त हो गया।जिसमे मैं जेल गया वहाँ से वापस आकर लोनी निवासी आरिफ सम्पर्क में आया। वह पूर्व से एटीएम फ्रॉड करता था। मैं भी उसके साथ जाने लगा और मैने उससे काम करने का तरीका सीख लिया। और स्वंम ये काम अपने साथियों के साथ करने लगा जिसमें मैं गाजियाबाद व बागपत से भी जेल जा चुका हूँ। सुनील ने बताया कि वह 10 वीं पास है गाँव में खेती व भैंसों का दूध बेचने का काम करता था लेकिन उसमें ज्यादा आमदनी नहीं होती थी, पूर्व में मैं अपने गाँव के कुख्यात अपराधी अंकित खैला के सम्पर्क में आया और उसके साथ अपराध में लिप्त हो गया तथा उसके गैंग के साथ फिरौती के लिए अपहरण, हत्या के प्रयास, लूट व पुलिस मुठभेड आदि मे जेल जा चुका हूँ अंकित खैला की 2021 मे तिहाड जेल मे हत्या हो गयी थी। जेल से छूटने के बाद मैं गाँव मे ही रहने लगा फिर मैं सतीश के सम्पर्क मे आया जिसने मुझे एटीएम बदलकर फ्रॉड करने लगा। दोनों अभियुक्तों ने बताया कि हम लोग गाजियाबाद, नोयडा, राजस्थान, मध्य प्रदेश व अन्य क्षेत्रों में घटनाएं करते हैं, हम कई बैंको के ए.टी.एम. कार्ड रखते हैं और जिस बैंक के एटीएम में जाते हैं उसी बैंक का कार्ड निकाल कर मौका देखकर बदल देते हैं। हम दोनों एटीएम मशीन से पैसा निकालने आये भोले-भाले व्यक्तियों के एटीएम से पैसा निकालने में मदद करने के बहाने उनका एटीएम कोड देख लेते हैं फिर चालाकी से उनका एटीएम कार्ड बदल देते हैं तथा बाद में उनके खाते से पैसे निकाल लेते हैं। इसमें जो भी फायदा होता है वह हम दोनों आपस में बराबर बाँट लेते थे।

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