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केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने पारंपरिक चिकित्सा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का किया उद्घाटन

गुवाहाटी, 02 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय आयुष एवं बंदरगाह नौवाहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने संघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तहत पारंपरिक चिकित्सा पर पहली बार बी2बी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो का गुरुवार को गुवाहाटी के जालुकबारी स्थित होटल रेडिसन ब्लू में उद्घाटन किया। 17 एससीओ देशों और भागीदारों के 150 से भी अधिक प्रतिनिधियों ने इस उद्घाटन समारोह में भाग लिया। केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने आज इसी परिसर में पारंपरिक चिकित्सा पर चार दिवसीय एक्सपो का भी उद्घाटन किया। सम्मेलन और एक्सपो का उद्देश्य संघाई कॉर्पोरेशन आर्गेनाइजेशन (एससीओ) देशों के बीच जागरूकता, सर्वोत्तम प्रथाओं और पारंपरिक दवाओं की आपसी समझ को बढ़ाना है। उद्घाटन समारोह में अन्य लोगों के अलावा केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. महेन्द्रभाई मुंजपारा, म्यांमार के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. थेटखिंगविन, मालदीव के उप स्वास्थ्य मंत्री साफिया मोहम्मद सईद और आयुष मंत्रालय में सचिव राजेश कोटेचा शामिल हुए। इस सम्मेलन में उच्च स्तरीय प्रतिनिधि जैसे स्वास्थ्य मंत्री, आधिकारिक प्रतिनिधि और एससीओ और भागीदार देशों के विदेशी खरीदार शामिल हैं। विदेशी अधिकारी और व्यापार प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं। चीन, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, मालद्वीप, अर्मेनिया, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका, बहरीन, मंगोलिया, यूएई आदि देशों ने इसमें हिस्सा ले रहे हैं। चार दिवसीय सम्मेलन में एससीओ और भागीदार देशों से फार्माकोपिया, गुणवत्ता आश्वासन और अनुसंधान, हर्बल अर्क, न्यूट्रास्यूटिकल्स आदि सहित पारंपरिक चिकित्सा उत्पादों और प्रथाओं के विनियामक ढांचे पर निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं से विस्तृत प्रस्तुतीकरण और विचार-विमर्श होगा और पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कार्य होंगे। विशिष्ट उत्पाद-वार, निर्यात और आयात के अवसरों पर चर्चा करने और एससीओ देशों में बढ़ी हुई बाजार पहुंच के साथ गहन आर्थिक साझेदारी के लिए 'अपने खरीदार को जानें' और 'बी2बी बैठक' जैसे महत्वपूर्ण सत्रों की भी योजना बनाई गई है। इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा है कि पारंपरिक चिकित्सा पर यह महत्वपूर्ण बी2बी सम्मेलन और एससीओ परिषद में भारत की अध्यक्षता में आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा है कि हमारा आहार हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में एक अहम भूमिका निभाता है। आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में विभिन्न खाद्य पदार्थों के विशिष्ट खाद्य लाभ और उनके व्यंजनों पर अधिक जोर दिया है। यहां निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया है। पारंपरिक दवाओं के निर्माण, पोषण संबंधी खाद्य पदार्थ, जड़ी बूटियों के अर्क और सेवा क्षेत्र को कवर करते हुए एक्सपो में पारंपरिक दवाओं के निर्माताओं, निर्यातकों और भारत के आयुर्वेदिक अस्पतालों, मैदानी क्षेत्रों में शामिल अनुभवी व्यक्तियों के साथ बातचीत की सुविधा होगी। इसके अलावा इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एससीओ और भागीदारी देशों के प्रतिनिधि मंडलों के साथ बी2बी अवसर, आयुर्वेदिक और कल्याण उत्पादनों की खोज, मान्यता प्राप्त आयुष डॉक्टर द्वारा मुफ्त स्वास्थ्य जांच, पारंपरिक चिकित्सक, और सार्वजनिक व्याख्यान, लाइव योग सत्र और स्वस्थ रहने का अनुभव भी प्राप्त होगा।
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