जोधपुर, 29 अप्रैल (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में मंगलवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के एकीकरण की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने अंतिम कार्यदिवस पर स्वैच्छिक रूप से हड़ताल रखी एवं न्यायिक कार्यों में उपस्थिति नहीं दी। एकीकृत उच्च न्यायालय की मांग को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय परिसर झालामंड एवं हैरीटेज उच्च न्यायालय परिसरदोनों स्थानों पर धरना भी दिया गया।
अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया ने बताया कि एकीकृत उच्च न्यायालय की मांग को लेकर अधिवक्ता पिछले 48 वर्षों से हर माह उच्च न्यायालय के अंतिम कार्य दिवस को न्यायिक कार्यों में स्वैच्छिक रूप से उपस्थिति नहीं दे रहे है। वर्ष 1977 में देश में लागू किए गए आपातकाल में राजस्थान उच्च न्यायालय को खंडित कर उच्च न्यायालय की एक बैंच जयपुर में स्थापित कर दी । जिसके विरोध में जोधपुर मुख्यपीठ के अधिवक्ताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए प्रस्ताव की अनुपालना में वर्ष 1977 से आज तक निरन्तर उच्च न्यायालय के अंतिम कार्यदिवस पर समस्त न्यायिक कार्यों का स्वैच्छिक रूप से बहिष्कार करते आ रहे हैं व यह आंदोलन निरन्तर जारी रखा जाएगा।
महासचिव शिवलाल बरवड़ ने बताया कि आज सुबह से ही अधिवक्ता हैरिटेज उच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय परिसर झालामंड में दोनो स्थानों पर धरने पर बैठे। आज सभी अधिवक्ताओं ने न्यायिका कार्यों में स्वेच्छा से भाग नहीं लिया एवं एकीकृत उच्च न्यायालय की मांग को दोहराया।
धरने पर एसोसिएशन के अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया, उपाध्यक्ष धीरेन्द्र दाधीच, महासचिव शिवलाल बरवड़, सहसचिव विजेन्द्र पुरी, पुस्तकालय सचिव कांता राजपुरोहित, कोषाध्यक्ष विमल कुमार माहेश्वरी, सुरेन्द्रसिंह गागुडा, मुख्त्यार खान, खिवराज, श्रवणसिंह चाम्पावत, महेन्द्रसिंह चौहान, गजेन्द्रसिंह सांखला, भूपेन्द्रसिंह गोटन, अब्दुल गनी फौजदार, मोहनराम सुथार, एमए राव, जगदीश भाटी, दीपक सोनी, दिलिप चंदेल, सोहेल शेख, डीएस उदावत, अशोक सांखला, ओमप्रकाश सहित सैकडों अधिवक्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।