कैथल में चीका से गुजर रही घग्गर नदी का जल स्तर मंगलवार को खतरे के निशान से कम हो गया है। चार दिनों से नदी का पानी लगातार कम हो रहा है। प्रशासन और आसपास के लोगों ने इससे राहत की सांस ली है। मंगलवार सुबह के समय घग्गर नदी का जलस्तर 22.7 फुट पर था जबकि खतरे का निशान 23 फुट पर है।
पानी कम होने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग की भी लगातार लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए कार्य कर रहा है। पानी में डूबी धान की फसल दिखाई देने लगी है। लगातार पानी में डूबे रहने के कारण क्षेत्र में 4000 एकड़ से अधिक धान की फसल खराब हो चुकी है। पशुओं के लिए हरे चारे की भी किल्लत हो गई है। पंजाब की कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं गांव में पशुओं के लिए चारा उपलब्ध करवा रही हैं।
पानी कम होने के साथ ही क्षेत्र में डेंगू और डायरिया जैसी बीमारियां पनपने लगी हैं। सेना के डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर जांच कर लोगों को दवाइयां दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अब तक 200 से अधिक लोग बुखार से पीड़ित हो चुके हैं। इससे अधिक लोगों को पेचिश जैसी बीमारियां परेशान कर रही हैं। मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। सीएमओ ने कहा कि बाढ़ वाले इलाके में रह रहे लोग पानी को उबालकर पिएं। क्लोरीन की एक टेबलेट 20 लीटर पानी में डालकर पीने से डायरिया जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
डॉ. चावला ने यह भी कहा कि लोग अपने आसपास पानी एकत्रित न होने दें ताकि मच्छरों को पनपने रोका जा सके। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में वे इमरजेंसी फोन नंबरों पर संपर्क करें तो उन्हें तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। डीसी जगदीश शर्मा ने कहा कि गुहला क्षेत्र के प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर फोगिंग करवाई जा रही है। इसके साथ-साथ खड़े पानी में मच्छरों व लारवा की रोकथाम के लिए काला तेल, टेमीफॉस दवाई डलवाई जा रही है।
चीका के पंजाब के साथ लगते गांव में पंजाब के किसान ग्रामीणों की लगातार सहायता कर रहे हैं। पंजाब के गुरुद्वारों से जहां लंगर आ रहा है, वहीं लोगों को दूध भी सप्लाई किया जा रहा है। पंजाब से क्षेत्र के पशुओं के लिए चारा सप्लाई किया जा रहा है। पंजाब के जिला संगरूर हलका धूरी के गांव कलासर के समाजसेवी परमजीत सिंह, गुरमीत सिंह, कमल सिंह व रमन सिंह सहित 35 लोगों की टीम बाढ़ ग्रस्त इलाके में पशुओं के लिए किसानों को चारा बांट रही है।