जिले के कुश्ती प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई जिला के साल्हावास क्षेत्र के गांव रुड़ियावास के पहलवान मोहित चाहर उर्फ मरिंडा ने गुरुवार को वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता तो जिले के कुश्ती प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई। यह प्रतियोगिता मिडिल ईस्ट के देश जॉर्डन में चल रही है।
पहलवान मोहित चाहर 20 वर्ष आयु वर्ग के पुरुषों की 61 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती के वर्ल्ड चैंपियन बन गए हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन पहलवान ने एकतरफा मुकाबले में सेमीफाइनल जीता था और अब गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया। गांव में उत्साह का माहौल है। पहलवान मोहित बादली के पास बुपनियां अखाड़े से प्रशिक्षण लेता है। इस युवा पहलवान ने अपने चाचा सुरेन्द्र सिंह से प्रेरित होकर कुश्ती को अपनाया था। यह पहलवान जब कक्षा चौथी में था तभी कुश्ती करने के लिए अपने गांव से कई किलोमीटर दूर गांव सासरोली स्थित सतीश अखाड़ा में अभ्यास के लिए जाने लगा था। उसके बाद जयवीर अखाड़ा बुपनियां में कोच जयवीर कोच से प्रशिक्षण प्राप्त कर कुश्ती के गुर सीखे हैं।
विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना भारतीय पहलवान के लिए आसान नहीं था। लेकिन मोहित ने 0-6 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए फाइनल में रशियन पहलवान एल्डर अखमदुदिनोव की गलतियों का भरपूर फायदा उठाया और उन्हें 9-8 से हराया। मोहित वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाला झज्जर का दूसरा बन गया है। इससे पहले गांव छारा का पहलवान दीपक पुनिया भी वर्ल्ड चैंपियन बन चुका है। मोहित के कोच जयवीर व कुश्ती लेखक तेजपाल दलाल और अन्य कुश्ती प्रेमियों ने मोहित की जीत पर खुशी जताई है।