नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। घरेलू शेयर बाजार में शुक्रवार को खरीदारी के सपोर्ट से तेजी का रुख जरूर बना हुआ है, लेकिन वैश्विक स्तर पर संकेत अच्छे नहीं हैं। अमेरिकी बाजार में पिछले कारोबारी सत्र में कमजोरी की स्थिति बनी रही। यूरोपीय बाजार भी ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे के झटके से सहमा हुआ नजर आ रहा है। इसी तरह एशियाई बाजारों में भी आज मिला-जुला कारोबार होता नजर आ रहा है।
बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी की वजह से अमेरिकी बाजार पर पिछले दो कारोबारी सत्रों से लगातार दबाव की स्थिति बनी हुई है। पिछले कारोबारी सत्र में एक बार फिर अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी बाजार ने कारोबार की शुरुआत बढ़त के साथ की थी, लेकिन कारोबार का अंत होते-होते बिकवाली का दबाव बढ़ जाने के कारण शुरुआती बढ़त गिरावट में बदल गई। अमेरिकी बाजार के 11 सेक्टर्स में से 8 सेक्टर कमजोरी के साथ बंद हुए।
शुरुआती कारोबार में डाओ जोंस 400 अंक की मजबूती के साथ कारोबार कर रहा था, लेकिन बाद में बिकवाली का दबाव बन जाने के कारण ये सूचकांक 90 अंक गिरकर बंद हुआ। इसी तरह नैस्डेक में भी 65 अंक की गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी शेयर बाजार में ओवरऑल 57 प्रतिशत शेयर बिकवाली के दबाव के कारण गिरकर बंद हुए।
अमेरिकी बाजार में आई गिरावट का असर आज एशियाई बाजारों में भी साफ साफ नजर आ रहा है। एशिया के प्रमुख बाजारों में से एसजीएक्स निफ्टी 34 अंक की मजबूती के साथ कारोबार करता नजर आ रहा है। हेंगसेंग इंडेक्स भी 0.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16,213.77 अंक के स्तर पर कारोबार करता दिख रहा है। जबकि शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.32 प्रतिशत की मजबूती के साथ 3,038.13 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। दूसरी ओर निक्केई इंडेक्स में 0.21 प्रतिशत की गिरावट आ गई है और फिलहाल ये सूचकांक 26,949.23 अंक के स्तर पर कारोबार करता नजर आ रहा है। ताइवान के बाजार में भी 0.37 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। बिकवाली के दबाव के कारण ताइवान का बाजार फिलहाल 12,886.13 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा कोस्पी इंडेक्स मामूली उतार-चढ़ाव के साथ सपाट स्तर पर सीमित दायरे में रहकर कारोबार कर रहा है।
ग्लोबल मार्केट के जानकारों का कहना है कि अमेरिकी बांड यील्ड की मजबूती, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और बढ़ोतरी किए जाने की आशंका के कारण अमेरिका के शेयर बाजार लगातार अनिश्चित चाल चलते नजर आ रहे हैं। लगातार गिरावट के बाद बीच में 2 दिन के लिए अमेरिकी शेयर बाजार में कंपनियों के बेहतर नतीजों के कारण उछाल की स्थिति जरूर बनी थी, लेकिन एक बार फिर अमेरिकी बाजार उतार-चढ़ाव के बीच फंस गए हैं। अमेरिकी बाजार की चाल का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर पड़ता है। इस कारण आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में उथल-पुथल की स्थिति जारी रह सकती है और इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है।