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गंगा ग्रामों के नालों की टैपिंग, सीवेज ट्रीटमेंट,ठोस अवशिष्ट प्रबंधन पर करें कार्य : डीएम

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने वन विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले के 21 गंगा ग्रामों में नालों की टेपिंग, ठोस अपशिष्ट, सीवेज, ट्रीटमेंट प्रबंधन की वर्तमान स्थिति एवं अनटैप्ड नालों की मौके पर जांच करें कि कहीं उनका निकास गंगा या उसकी सहायक नदियों में तो नहीं हो रहा है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गंगा तट स्थित ग्रामों को पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त करने, वाटर ट्रीटमेन्ट करने, जैविक खेती कोे बढ़ावा देने, नक़द आय प्राप्त करने हेतु बांस की खेती के लिए स्थानीय लोगों को प्रेरित करने तथा अधिक से अधिक पौधे रोपित किए जाने सम्बन्धी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि जन सामान्य को जल-समाधि के स्थान पर भू-समाधि के लिए प्रेरित करें तथा गंगा किनारे बने पार्क को आकर्षक व सुन्दर बनाना सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी श्री मिश्रा आज दोपहर 12ः30 बजे स्थानीय कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा विदुर सभागार में आयोजित जिला गंगा समिति तथा जिला पर्यावरण समिति की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे।

उन्होंने गंगा घाट पर विद्युत शवगृह निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करा कर अनुमोदन के लिए शासन को प्रेषित करें तथा बिजनौर में वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट का निर्धारितबिन्दुओं पर निरीक्षण करें कि प्लांट नियमानुसार क्रियाशील है अथवा नहीं। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि गंगा किनारे के लगे वृक्षों का कटान न किया जाए और जो वृ़क्ष वहां मौजूद हैं, उनके संरक्षण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि नगर निकाय क्षेत्रों में कूड़ा जलाना प्रकाश में आने पर संबंधित अधिशासी अधिकारी नगर निकाय के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बाॅयो वेस्ट पर समुचित नियंत्रण स्थापित करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि अस्पतालों में औचक निरीक्षण करें और बायो वेस्ट का निस्तारण न करने वाले दोषियों पर न केवल अर्थदंड लगाएं बल्कि पर्यावारण एक्ट की सुसंगत धाराओं के तहत उन पर कार्यवाही भी अमल में लाएं।

उन्होंने कहा कि देश में नमामि गंगे, अर्थ गंगे जैसे कार्यक्रमों द्वारा पर्यावरण की न केवल सुरक्षा की जा सकती है, बल्कि वातावरण को प्रदूषण मुक्त भी बनाया जा सकता है। उन्होंने प्रदूषण अधिकारी को निर्देश दिए कि तत्काल गंगा तटीय ग्रामों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कार्य योजना प्रस्तुत करें तथा इसी के साथ उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि सभी अधिशासी अधिकारी नगर निकायों में प्रतिबंधित पाॅलिथीन का प्रयोग करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करें और उनसे अर्थदण्ड वसूलें। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी साॅलिड वैस्ट के लिए जगहों का चिन्हांकन कराना सुनिश्चित करें ताकि कचरे को एक जगह जमा किया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई की व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ बनाए।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. विजय कुमार गोयल, जिला पंचायत राज अधिकारी सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।


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