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परमार्थ निकेतन में गंगा के प्रति जागरूकता को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला

परमार्थ निकेतन में शुक्रवार से तीन दिवसीय गंगा के प्रति जागरूकता और आरती कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, नमामि गंगे के सलाहकार जगमोहन गुप्ता, नन्दिनी त्रिपाठी, नमामि गंगे के अधिकारियों, प्रतिभागियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत की नदियों को उनका स्वाभाविक अविरल और निर्मल प्रवाह सुलभ हो, यह नितांत आवश्यक है। इस पर चिंतन, मंथन और त्वरित एक्शन की जरूरत है, क्योंकि नदियां धरती की रुधिर वाहिकाएं हैं। धरती के सौन्दर्य की कल्पना नदियों के बिना नहीं की जा सकती, इसलिए जन जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन अत्यंत आवश्यक है।

नमामि गंगे के सलाहकार जगमोहन गुप्ता ने कहा कि हम सब अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि हमें श्रावण माह में, मां गंगा के पावन तट पर स्थित परमार्थ निकेतन में स्वामी के पावन सान्निध्य में यह कार्यशाला करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि वे 9 वर्षों से वर्ष 2015 से नमामि गंगे मिशन से जुड़ा हुए हैं। तब से नमामि गंगे व कृषि सिंचाई योजना पर कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि मैं 1997 से परमार्थ निकेतन से भी जुड़ा हूं। उन्होंने कहा कि गंगा सब को साथ लेकर चलती है वैसे ही हम सभी को साथ लेकर चलना है।

संचार विशेषज्ञ पूरन कापड़ी ने प्रशिक्षण शिविर में पूर्व में आयोजित दो कार्यशालाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए बताया कि जो प्रतिभागी परमार्थ निकेतन से प्रशिक्षण प्राप्त करके गए हैं उन्होंने अपने-अपने घाटों पर गंगा आरती आरम्भ करने के साथ-साथ वहां पौधरोपण, स्वच्छता अभियान, भंजन संध्या आदि गतिविधियों का संचालन किया है, जिसके उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त हुये।

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