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नेपाल में राष्ट्रपति पद पर निर्णायक शक्ति बनने के बाद प्रचंड पर चौतरफा दबाव

काठमांडू, 22 फरवरी (हि.स.)। नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पंजीकरण की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, आंतरिक और बाहरी सक्रियता बढ़ गई है। सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर चर्चा करने के लिए बुधवार सुबह प्रधानमंत्री एवं सीपीएन (एमसी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ से मुलाकात की। समझा जाता है कि बैठक के दौरान सत्ता गठबंधन को बनाए रखने और एक आम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर फैसला करने के बारे में चर्चा हुई। प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया कि भले ही ओली ने प्रस्तावों के साथ विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की लेकिन इस मुद्दे पर प्रचंड तैयार नहीं थे। यूएमएल के अध्यक्ष ओली प्रधानमंत्री के आवास बालुवाटार पहुंचने से पहले ही चीन के राजदूत चेन शेंग ने बालुवाटार पहुंचकर प्रचंड से मुलाकात की। चीन के राजदूत चेन नेपाल के राष्ट्रपति पद पर कम्युनिस्ट पार्टी से ही उम्मीदवार बनने का दबाव बनाते रहे हैं। प्रचंड और ओली के बीच हुई मुलाकात से कुछ दिन पहले उन्होंने आवास पहुंचकर ओली से मुलाकात की थी। प्रचंड नेपाली कांग्रेस को राष्ट्रपति पद देने के पक्ष में हैं। उन्होंने कांग्रेस के साथ जो आंतरिक समझौता किया था, उसका खुलासा हो गया है। हालांकि, चीनी पक्ष की ओर से प्रचंड पर मौजूदा गठबंधन को बरकरार रखते हुए राष्ट्रपति पर सहमत होने का दबाव बढ़ रहा है, न कि कांग्रेस का। इसके लिए माधव नेपाल को भी शामिल करने की कोशिश की जा रही है। ओली पहले ही सीपीएन (एकीकृत समाजवादी) के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने पर चर्चा कर चुके हैं। पता चला है कि ओली ने सोमवार शाम माधव नेपाल से मुलाकात की थी। माधव नेपाल ने कहा कि ओली के साथ हुई बैठक के बारे में खुलासा नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह फिलहाल इस बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं करेंगे। नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव नौ मार्च को होगा और नामांकन 25 फरवरी को दाखिल किया जाएगा।
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