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चुप चाप मार्च लूट की ओर बढ़ रही हेमंत सरकार : प्रतुल शाहदेव

रांची, 18 मार्च (हि.स.)। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की हेमंत सरकार चुप चाप मार्च लूट की ओर बढ़ रही है।


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा 2024-25 के बजट में जनवरी तक बजट की राशि का सिर्फ 60 प्रतिशत हिस्सा खर्च हुआ था। यानी दो महीने में 40 प्रतिशत राशि खर्च होने की तैयारी है जबकि नियमों और परंपराओं के अनुसार मार्च में अधिकतम सिर्फ 15 प्रतिशत राशि की निकासी हो सकती है। उन्होंने कहा कि सबसे अफसोसजनक स्थिति विकास से जुड़े विभागों की है जहां बड़ी संख्या में राशि अभी तक खर्च नहीं हुई है। इसके बंदरबांट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पहले से जल जीवन मिशन में फिसड्डी चल रही हेमंत सरकार ने मौजूदा बजट में तो सारी सीमाएं पार कर दी हैं। फरवरी तक पेयजल विभाग ने योजना और विकास की सिर्फ 10 प्रतिशत राशि ही खर्च की है। 4500 करोड़ रुपयों के विभाग के बजट के तुलना में फरवरी तक सिर्फ 438 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ऐसी स्थिति में कई पेयजल योजनाएं अटक गई हैं। जल जीवन मिशन के लिए केंद्र सरकार झारखंड सरकार को बहुत बार नसीहत दे चुकी है। अभी भी झारखंड के कई घरों में नल से जल नहीं पहुंच पाया है।


प्रतुल ने कहा कि आम जनों को राहत देने वाले विभाग में इस तरह के लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं हो सकती। अब या तो विभाग में बड़े पैमाने पर सिर्फ मार्च में 90 प्रतिशत राशि का खर्च दिखा के लूट करने की तैयारी है या पैसा सरेंडर हो जाएगा। दोनों स्थिति प्रदेश की जनता के लिए विकट है।


हर घर में नल योजना में राष्ट्रीय औसत से 25 प्रतिशत पीछे है झारखंड


प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड में 62,55,717 घर हैं। अभी तक सिर्फ 34,19,100 घरों में नल से जल पहुंचा है। जहां इस योजना का राष्ट्रीय औसत 79.79 प्रतिशत है वहीं झारखंड में इसका औसत सिर्फ 54.66 प्रतिशत है। यानि राष्ट्रीय औसत से झारखंड 25 प्रतिशत पीछे चल रहा है। राज्य के आज भी 45 प्रतिशत घरों में नल से जल नहीं जाता है। अब तक 10 महीने में सिर्फ 1,89,845 घरों में नल से जल पहुंचा है। राज्य सरकार के द्वारा केंद्र से मिले पैसे का यूटिलिटी सर्टिफिकेट नहीं देने के कारण योजना पर ग्रहण लग गया है। प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार को कड़े कदम उठा कर मार्च में वित्तीय नियम और कानून का कड़ाई से पालन कराया जाए और किसी तरीके से भी सरकार की राशि की बंदरबांट ना हो।

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