बाढ़ प्रभावित कुल्लू तथा लाहौल-स्पीति में फंसे पर्यटकों एवं अन्य लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए राज्य सरकार ने 60 घंटे के बचाव अभियान में 60 हज़ार लोगों को सुरक्षित निकाला। यह जानकारी गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने दी है।
उन्होंने कुल्लू एवं मंडी में पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता में कहा कि वह गत तीन दिन से कुल्लू, लाहौल-स्पीति तथा मंडी में प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर हैं। उन्होंने बताया कि कुल्लू एवं लाहौल-स्पीति जिलों केे विभिन्न स्थानों पर लगभग 70 हजार पर्यटक एवं अन्य लोग फंसे थे। इनमें से 60 हजार लोगों की सुरक्षित निकाला जा जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस बचाव अभियान को एक हजार कर्मचारी एवं अधिकारियों ने दिनरात युद्धस्तर पर कार्य कर संभव बनाया।
उन्होंने कहा कि इस विपदा में सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य लाहौल-स्पीति के चन्द्रताल में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना था। वहां लैंडिंग स्थल उपलब्ध न होने के कारण वायुसेना के हेलीकाॅप्टर उतारना संभव नहीं था। प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी तथा मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी बचाव अभियान की निगरानी के लिए भारी बर्फबारी के बीच शून्य से नीचे तापमान में तीन जेसीबी मशीनों के साथ तड़के सुबह दो बजे ग्राउंड जीरो चन्द्रताल पर पहुंचे। इसके उपरान्त 57 वाहनों के माध्यम से लगभग 250 पर्यटकों को वहां से सुरक्षित काजा लाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में काफी संख्या में पर्यटक हैं और उनमें से अधिकांश ने अपनी गाड़ियों सहित ही घर वापसी की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारी बारिश से सड़कों को व्यापक नुकसान पहुंचना है और ऐसे में इनके सफर करने में समय लग सकता है। प्रदेश सरकार ने उन्हें गाड़ियां वहीं छोड़कर सार्वजनिक परिवहन सेवा के माध्यम से घर वापसी का विकल्प दिया है। पर्यटकों को उनकी गाड़ियों से संबंधित एक पावती भी जिला व पुलिस प्रशासन के माध्यम से दी जाएगी। इन पर्यटकों से संवाद के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को भी कसोल भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में कुछेक इजरायली पर्यटक भी हैं। इजरायली दूतावास की ओर से उन्हें अपने स्तर पर हेलीकाप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकालने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रदेश सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि घाटी में सभी विदेश पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन सहित सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करवाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू में इतनी बड़ी विपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने जनजीवन सामान्य बनाने के लिए पूरी तत्परता से कार्य किया है। क्षेत्र में 48 घंटे में बिजली तथा पानी की आपूर्ति आंशिक तौर पर बहाल करने के साथ ही मोबाइल सेवा पुनः सुचारू करने में भी सफलता हासिल की है। इसके लिए उन्होंने जिला व पुलिस प्रशासन सहित सभी संबंधित विभागों के प्रयासों की सराहना भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अभी तक बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए 50 लाख रुपये की राहत राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राहत राशि में बढ़ोतरी करते हुए सभी प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे।