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पूर्व आईएएस संजय सिंह और हृदयानंद कांग्रेस में शामिल

संजय और हृदयानंद के कांग्रेस में आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी : अविनाश पांडे

 झारखंड प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत अधिकारी डॉ. संजय सिंह और कारगिल युद्ध में अपनी भूमिका निभाने वाले हृदयानंद यादव ने रविवार को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस का दामन थाम लिया। झारखंड प्रदेश प्रभारी अश्विनी पांडे और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की मौजूदगी में दोनों पार्टी में शामिल हुए।

मौके पर अविनाश पांडे ने कहा कि पार्टी में शामिल होने वाले इन दोनों लोगों का वह हार्दिक अभिनंदन करते हैं। कांग्रेस पार्टी में उनके आने से पार्टी में मजबूती मिलेगी। कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित होकर उन्होंने पार्टी का दामन थामा है। पार्टी के सैद्धांतिक विचारों पर चलने का उन्होंने वादा किया है। साथ में पार्टी और संगठन को भी मजबूत करने को लेकर भी वह काम करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार से जोड़कर कांग्रेस पार्टी बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। इस साजिश को कांग्रेस पार्टी नाकाम करेगी।

डॉ. संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमने इसलिए ज्वाइन किया है क्योंकि, मैं इस पार्टी की विचारधारा से प्रभावित हूं। मेरी मंशा कहीं से चुनाव लड़ने की नहीं है। मैंने ताउम्र प्रशासनिक अधिकारी रहकर जनता की सेवा की है। अब यही काम कांग्रेस पार्टी से जुड़कर करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि अगर इतिहास देखें तो देश को बनाने में सबसे ज्यादा योगदान कांग्रेस पार्टी का ही रहा है और कांग्रेस ही देश की जनता के मूल स्वभाव को समझती और जानती है। देश की जनता भी कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी पर विश्वास करती है। आने वाले समय में कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा।

हृदयानंद यादव ने कहा कि यदि गोली-बारूद के मर्म को कोई जानता व समझता है तो वह कांग्रेस पार्टी है। उनके परिवार में कई लोगों ने कुर्बानी दी है। उन्होंने भी कहा कि सिर्फ चुनाव लड़ना उनकी मंशा नहीं है। पार्टी को मजबूत करना ही एकमात्र जिम्मेदारी है।

1992 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में बतौर लेक्चरर डॉ. संजय सिंह ने अपने करियर की शुरूआत की। कॉलेज में इन्होंने अंग्रेजी साहित्य विषय में योगदान दिया। 1993 में वो डिप्टी कलेक्टर बने और राज्य प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में कदम रखा। प्रशासनिक सेवा के 30 वर्षों के अनुभव के दौरान उन्होंने जिला स्तर के कई महत्वपूर्ण पदों पर योगदान दिया, जिसमें साल 2010 में एसडीओ रांची, 2012 में एसडीओ बोकारो, डीडीसी बोकारो और डीडीसी दुमका के पद पर रहे। डीडीसी के पद पर रहते हुए इन्हें ग्रामीणों से सीधे संवाद और उनकी समस्या और समाधान पर काम करने का अवसर मिला। कोयला मंत्रालय में भी योगदान दिया। साल 2023 में संस्कृति कार्य विभाग झारखंड से सेवानिवृत्त हुए। अब कांग्रेस से जुड़कर देश की सेवा करना चाहते हैं।


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