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हिमाचल में भारी बारिश का येलो अलर्ट

शिमला, 13 सितंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार जारी है। मौसम विभाग ने आज और कल यानी 13 व 14 सितम्बर को राज्य के 10 जिलों हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा, कुल्लू, सोलन, शिमला, चंबा, सिरमौर और मंडी में गरज, अंधड़ और बिजली गिरने के साथ भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इस बीच बिलासपुर जिले के श्री नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के नम्होल में बीती रात भारी बारिश से नुकसान हुआ है। गांव गुतराहण बहादुरपुर धार में सड़कें टूट गईं और किनारे खड़ी कई गाड़ियां मलबे में दब गईं। इलाके में कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में शनिवार सुबह तक तीन नेशनल हाई-वे समेत 574 सड़कें बंद हो गईं और बिजली-पेयजल आपूर्ति पर भी असर पड़ा।

बीती रात से सुबह तक कांगड़ा जिला के पालमपुर में सर्वाधिक 86 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मंडी के मुरारी देवी में 69 मिलीमीटर, कांगड़ा में 58 और जोगिन्दरनगर में 45 मिलीमीटर बारिश हुई। लगातार हो रही वर्षा से जगह-जगह भूस्खलन और मलबा आने की घटनाएं सामने आईं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक कुल्लू जिले में एनएच-03 और एनएच-305 व 174 सड़कें, मंडी में 166, शिमला में 48, कांगड़ा में 45, चंबा में 44, सिरमौर में 28, बिलासपुर में 24 और ऊना में एनएच-503ए व 23 सड़कें बंद हो गईं।


बारिश और भूस्खलन से बिजली व पेयजल आपूर्ति पर भी असर पड़ा। प्रदेश में 389 ट्रांसफार्मर और 333 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इनमें चंबा के 149, कुल्लू के 138 और मंडी के 64 ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं, जबकि पेयजल योजनाओं में कांगड़ा की 176, शिमला की 73 और मंडी की 52 बंद हो गईं।

इस बार का मानसून सीजन हिमाचल के लिए भारी तबाही लेकर आया है। अब तक 386 लोगों की मौत हो चुकी है और 41 लोग लापता हैं, जबकि 451 लोग घायल हुए हैं। जिला वार आंकड़ों के अनुसार मंडी में सर्वाधिक 61, कांगड़ा में 54, कुल्लू में 44, चंबा में 43, शिमला में 40, किन्नौर में 28, सोलन में 27, ऊना में 25, सिरमौर में 20, बिलासपुर में 19, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 लोगों की जान गई है।

बरसात ने मकानों, दुकानों और गौशालाओं को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। अब तक 1,372 मकान पूरी तरह ढह गए हैं और 5,883 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 484 दुकानें और 5,929 गौशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है, जिसमें 2,083 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत शामिल है।

प्रारंभिक आकलन के मुताबिक प्रदेश को अब तक 4,465 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हो चुका है। इस मानसून सीजन में 137 भूस्खलन, 97 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। लगातार हो रही वर्षा से हालात अभी सामान्य नहीं हो पाए हैं और प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने तथा विशेषकर नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी है।


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