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इजराइल ने अल-अक्सा मस्जिद में युवाओं को नमाज पढ़ने से रोका, सिर्फ पांच हजार बुजुर्गों को दी इजाजत

गाजा में भीषण बमबारी करने और कई क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में लेने के बाद इजराइली सुरक्षाकर्मियों ने शुक्रवार को प्रसिद्ध अल-अक्सा मस्जिद में युवाओं को नमाज पढ़ने से रोकते हुए मस्जिद में प्रवेश तक नहीं करने दिया। जानकारी के मुताबिक इजराइल ने जुमे की नमाज अदा करने के लिए सिर्फ 5 हजार बुजुर्ग एवं अधेड़ उम्र के लोगों को ही अनुमति दी। सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि वे (युवा फिलिस्तीनी) यरुशलम के पुराने शहर के बाहरी हिस्से में जाकर नमाज पढ़ें। सात अक्टूबर से पहले शुक्रवार के दिन करीब 50 हजार लोग पवित्र मस्जिद में आकर नमाज पढ़ते थे। अल-अक्सा मस्जिद को इस्लाम में तीसरे सबसे पवित्र स्थल का दर्जा प्राप्त है। यरुशलम के इस्लामी धार्मिक कार्यों से संबंधित विभाग के प्रमुख ने बताया है कि शुक्रवार को पांच हजार लोगों ने अल-अक्सा मस्जिद में नमाज पढ़ी। इस दौरान इजराइली पुलिस के मस्जिद और उसके आसपास के इलाके में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त थे। उल्लेखनीय है कि इजराइल ने इस इलाके को 1967 में अरब देशों से युद्ध के दौरान कब्जे में लिया था। इस समय इजराइल के कब्जे में पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक का हिस्सा है। यरुशलम को राजधानी बनाने के मसले पर भी इजराइल और फिलिस्तीन में दशकों से विवाद चल रहा है।
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