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साइप्रस में भारतीय समुदाय के लोगों से मिले विदेश मंत्री जयशंकर

निकोसिया, 31 दिसंबर (हि.स.)। साइप्रस की राजधानी निकोसिया के दौरे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारतीय समुदाय समेत अन्य लोगों से भी मिले। भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात को सुखद बताते हुए प्रवास के दौरान हुए आधिकारिक समझौतों पर बात की। विदेश मंत्री ने भारत-साइप्रस के मध्य वित्त, शिपिंग, आईटी, सर्विस आदि पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने भारतीय समुदाय से मुलाकात के बारे में अपने ट्वीट में कहा कि विदेशों में बसे भारतीय मातृभूमि के लिए शक्ति का एक बड़ा स्रोत हैं। मोदी सरकार जरूरत के समय उनके साथ खड़े होने के अपने आवश्यक कर्तव्य को पूरा करती है। इससे पहले एक बिजनेस इवेंट को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का दबदबा बढ़ रहा है। भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए महत्वपूर्ण स्थान बनाने में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों व सुधारों ने योगदान दिया। जयशंकर ने कहा कि हम अपने इतिहास में सर्वाधिक एफडीआई प्रवाह प्राप्त कर रहे हैं। पिछले साल हमें एफडीआई के रूप में 81 अरब डॉलर मिले। हमारे व्यापार का काफी विस्तार हुआ है। वर्ष 2021-22 के लिए पहली बार हमारा निर्यात 400 अरब डॉलर के पार गया और इस साल हमने 470 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है। हम दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इको सिस्टम में से एक का घर बन गए हैं। अब हम करीब 100 यूनिकॉर्न की मेजबानी कर रहे हैं। वर्तमान में हमारे पास यूनिकॉर्न्स की तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। विदेश मंत्री ने कहा, हमारा लक्ष्य भारत को एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र (मैन्युफैक्चरिंग हब) बनाना है। इसके साथ देश को 2025 तक पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के रूप में उभारना है। जयशंकर ने आगे कहा कि कोविड महामारी के दौरान हम टीकों के निर्माण के सबसे बड़े वैश्विक केंद्रों में से एक थे और हमने 100 देशों को टीकों की आपूर्ति की। जी20 के लिए हमारा आदर्श वाक्य वसुधैव कुटुंबकम है। इसे हमने कोविड महामारी के दौरान व्यवहार में लाया है।
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