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नरेन्द्र मोदी के संकल्प से बिहार में होगी प्लास्टिक उद्योग की क्रांति

पटना/बेगूसराय, 02 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बेमिसाल नौ साल पूरा कर लिया है। इस नौ साल में मोदी सरकार ने सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के साथ सभी क्षेत्रों में समग्र विकास किया। प्रधानमंत्री ने संकल्प के साथ की ऐसे परियोजना पर काम किया, जो दशकों से जन आकांक्षा थी। प्रधानमंत्री के ''संकल्प से सिद्धि'' को आत्मसात करते हुए इंडियन ऑयल द्वारा बरौनी रिफाइनरी में अबतक की सबसे बड़ी परियोजना बीआर-नाइन का काम तेजी से चल रहा है। यह परियोजना 2024 में पूरा किए जाने का लक्ष्य है। इससे बिहार में पेट्रोकेमिकल युग की शुरुआत होगी तथा पॉलिप्रोपिलीन का उत्पादन होगा। पॉलिप्रोपिलीन का उत्पादन शुरू होने से ना केवल बिहार और आसपास के राज्यों में प्लास्टिक से जुड़े उद्योग को बड़ी मजबूती मिलेगी। बल्कि, स्थानीय स्तर पर भी स्वरोजगार का सृजन होगा। अब तक पॉलिप्रोपिलीन बिहार में नहीं बनने के कारण प्लास्टिक की तमाम वस्तुएं देश के अन्य राज्यों से मंगाई जाती है। लेकिन बरौनी रिफाइनरी में इसका निर्माण शुरू होने से बड़े पैमाने पर इससे जुड़े उद्योग धंधे शुरू होंगे। हेल्थ केयर के क्षेत्र में पीपीई किट, डायपर, मास्क, सिरिंज, एप्रन आदि निर्माण उद्योग आसानी से शुरू हो जाएगा। आटोमोटिव क्षेत्र में डैशबोर्ड, बंपर, होम अप्लायंस के क्षेत्र में आउटडोर बॉडी, हैंडल, फैब्रिक्स, पीवीसी पाइप, बुके निर्माण उद्योग शुरू होगा। सीमेंट पैकिंग ही नहीं, चावल समेत तमाम खाद्य पदार्थों के पैकिंग उद्योग के साथ-साथ खेल-खिलौने, कुर्सी, टेबल, प्लास्टिक के डिब्बे आदि के निर्माता को जब स्थानीय स्तर पर पॉलिप्रोपिलीन मिलने लगेगा तो देश के बड़े-बड़े औद्योगिक समूह बिहार में निवेश करना चाहेंगे। वर्तमान में आधुनिकतम पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों ने रिफाइनरी को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार पर्यावरण-अनुकूल हरित ईंधन के उत्पादन में सक्षम बनाया है। बरौनी रिफाइनरी लो सल्फर और हाई सल्फर, दोनों प्रकार के क्रूड को प्रोसेस करने में सक्षम है तथा दिसम्बर 2019 से उच्चतम मानक के पेट्रोल एवं डीजल का उत्पादन कर रही है। इसके साथ ही पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने के लिए आरओ प्लांट एवं सोलर पार्क की स्थापना के साथ रिफाइनरी पानी की बचत और हरित ऊर्जा के उपयोगिता में भी सार्थक कार्य कर रही है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ना केवल भारत और पड़ोसी देशों की इंधन जरूरत को पूरा कर रहा है। बल्कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ बिहार के औद्योगिक प्रगति में भी मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। बिहार के लोग बरौनी रिफाइनरी में जिस पेट्रोकेमिकल के स्थापना की मांग पिछले करीब 40-45 वर्ष से कर रहे थे, वह शीघ्र ही पूरा होने वाला है। उल्लेखनीय है कि 15 जनवरी 1965 को तत्कालीन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री प्रो. हुमायूं कबीर ने एक मिलियन मैट्रिक टन शोधन क्षमता वाले बरौनी रिफाइनरी का उद्घाटन किया था। 1969 में इसकी क्षमता एक से बढ़ाकर तीन एमएमटीपीए किया गया। 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में रिफाइनरी की क्षमता का नवीकरण कर तीन से छह एमएमटीपीए किया गया था। अब इसकी क्षमता छह से बढ़ाकर नौ एमएमटीपीए किया जा रहा है। नए भारत के निर्माण में जुटे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 फरवरी 2019 को रिफाइनरी विस्तारीकरण का कार्यारंभ किया था। कई यूनिट इंडियन ऑयल द्वारा मेक इन इंडिया के तहत स्वदेश में ही विकसित किया गया है। इंडियन ऑयल नए भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होने के लिए तेल और गैस से उर्जा की दुनिया में प्रवेश कर रही है।
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