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एनडीआरएफ ने नैनी झील में मोटर युक्त हवा से भरी बचाव नौकाओं का किया परीक्षण

नैनीताल, 1 जुलाई (हि.स.)। एनडीआरएफ यानी राज्य आपदा मोचन बल की ओर से नैनी झील में आपदा की स्थिति में लोगों को बचाने के लिये ‘इंफ्लेटेबल रैस्क्यू बोट’ या ‘आउटबोर्ड मोटर बोट’ कही जाने वाली हवा से भरी व बाहरी मोटर से संचालिक बचाव नौकाओं का परीक्षण किया गया। बताया गया कि लगभग 83 किलोग्राम भार वाली यह नौकाएं 800 से 1000 किलोग्राम तक भार वहन कर सकती हैं, यानी बचाव कर्मियों सहित 7-8 यात्रियों को आपात स्थिति में झील से बचा कर ला सकती हैं।

गौरतलब है कि नैनी झील में अब तक कभी भी ऐसी आपात स्थिति नहीं बनी है। 18-19 अक्टूबर 2021 को नैनी झील के इतिहास में सर्वाधिक स्तर तक भरने के बाद झील के पानी के सड़क पर खतरनाक तरीके से आ जाने की घटना हुई थी। तब कुछ दुकानों में लोगों के अंदर फंस जाने से भारतीय सेना की मदद लेनी पड़ी थी। इसके बावजूद नैनी झील में नौकाओं के विपरीत मौसम में पलटने जैसी घटनाएं नहीं हुई हैं। ऐसी किसी विपरीत स्थिति में या किसी के नैनी झील में आत्म हत्या के लिये कूदने जैसी स्थितियों में नौका चालक ही देवदूत की भूमिका में नजर आते हैं। फिर भी भविष्य में ऐसी घटनाओं से पूरी तरह से इनकार भी नहीं किया जा सकता है। इसलिये इस पहल का स्वागत ही किया जा रहा है।

इस परीक्षण में एनडीआरएफ के 10 जवानों ने भाग लिया और तीन सिलेंडर वाली जर्मन नौकाओं को तल्लीताल से मल्लीताल और वहां से वापस तल्लीताल तक दौड़ाया। बताया गया कि इन नौकाओं को 25 लीटर ईंधन के साथ 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गति से और दस लोगों को बैठाकर छह से आठ घंटे तक बचाव कार्य किये जा सकते हैं।



SK
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