Logo
Header
img

समानांतर विद्युत वितरण लाइसेंस : आयोग ने उठाये सवाल, अदानी की बढ़ी मुश्किलें

लखनऊ, 09 अप्रैल । गौतम बुद्ध नगर जनपद व मुंसिपल कारपोरेशन गाजियाबाद के लिए अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड द्वारा समानांतर विद्युत वितरण लाइसेंस के लिए आयोग में दाखिल स्वीकार्यता याचिका पर विद्युत नियामक आयोग ने कई सवाल उठा दिये हैं। इससे अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। अब उसे दो सप्ताह के भीतर सवालों के जवाब देने हैं। विद्युत नियामक आयोग ने अपने आदेश में जहां उपभोक्ता परिषद को प्रदेश के उपभोक्ताओं की तरफ से बात रखने के लिए अधिकृत माना, वहीं उपभोक्ता परिषद द्वारा उठाए गए वित्तीय व कानूनी पहलुओं को भी आदेश में शामिल किया, जिसमें उपभोक्ता परिषद ने याचिका खारिज करने की मांग उठाई है। उपभोक्ता परिषद ने ऐलान किया कि जहां अदानी ग्रुप की याचिका कानूनन खारिज करने योग्य नहीं है। वहीं अब आदेश से साफ हुआ कि अदानी ग्रुप की याचिका वित्तीय पैरामीटर पर भी खारिज करने योग्य है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को दो सप्ताह में समस्त बिंदुओं पर जवाब दाखिल करना है। उसके बाद आयोग आगे स्वीकार्यता पर फिर सुनवाई करेगा। अदानी इलेक्ट्रिकल जेवर लिमिटेड अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की तरफ से विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 14 व 15 के तहत मुंसिपल कारपोरेशन गाजियाबाद व गौतम बुध नगर के लिए विद्युत नियामक आयोग में दाखिल की गई समानांतर वितरण लाइसेंस की स्वीकार्यता पर विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आर. पी. सिंह व सदस्य वी. के. श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह ने आज अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदानी की स्वीकार्यता याचिका पर जहां अनेकों वित्तीय सवाल उठा दिए हैं, वहीं अनेकों तकनीकी सवाल भी उठाते हुए अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड से दो सप्ताह में पारदर्शी तरीके से जवाब दाखिल करने का निर्देश जारी किया है। गौरतलब है कि पावर कारपोरेशन का पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ऐन मौके पर इस याचिका में पार्टी बनने से पीछे हट गया था। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश में जहां अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के वर्ष 2021 -22 बैलेंस सीट को हर स्तर पर परीक्षण किया गया है। आयोग ने कहा कि भारत सरकार के विद्युत वितरण लाइसेंसी कैपिटल एडवोकोसी रिक्वायरमेंट रूल 2005 में स्पष्ट है कि कोई भी वितरण लाइसेंस लेने वाली कंपनी की वित्तीय स्थिति इस प्रकार होनी चाहिए कि वह जो भी कुल कैपिटल खर्च करेगी, उसका 30 परसेंट कंपनी की पूरा असेट होना चाहिए। इसका मतलब कि कंपनी की हैसियत होनी चाहिए। नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश में बैलेंस सीट में इंडियन अकाउंटिंग स्टैंडर्ड के तहत अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की टोटल असेट 12666.37 करोड़ है, जबकि अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की देनदारी 8689. 56 करोड है। अदानी ट्रांसमिशन कंपनी ने अन सिक्योर इक्विटी इंस्ट्रूमेंट में 3131.28 करोड दिखाया गया है। इस पर भी गंभीर सवाल उठाए गए।
Top