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लुधियाना को भिखारी मुक्त बनाने के अभियान को चुनौती

लुधियाना को भिखारियों से मुक्त करने के लिए अक्तूबर में लागू किए गए ‘मिशन बेगर फ्री लुधियाना’ सहित पंजाब प्रिवेंशन ऑफ बेगरी एक्ट की कई धाराओं को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बता इसे चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। लुधियाना के एक लॉ छात्र प्रणव धवन ने जनहित याचिका दाखिल कर मुख्य एक्ट सहित मिशन बेगर फ्री लुधियाना इन दोनों की कई धाराओं के बारे में हाईकोर्ट को बताया है। याची ने कहा कि यह पूरी तरह से नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है क्योंकि इस एक्ट के तहत गिरफ्तारी का प्रावधान भी है जबकि जिसे गिरफ्तार किया जाता है वह किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा रहा है। ऐसे में यह तो सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद-21 का उल्लंघन है जिसके तहत प्रत्येक नागरिक को आजीविका का अधिकार दिया गया है। अगर कोई बच्चा भीख मांगता पकड़ा जाता है तो कैसे उसे उसके माता-पिता से दूर किया जा सकता है। ऐसा करने से बच्चे के अन्य अपराधियों के संपर्क में आने का डर भी बना रहेगा और कैसे इन्हें शहर से बाहर किया जा सकता है। इसके जवाब में पंजाब सरकार ने कहा कि यह सब उन्हें बाहर करने के लिए नहीं किया जा रहा है बल्कि शहर में भिखारियों की संख्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में इसे उचित पुनर्वास के लिए किया जा रहा है। छोटे बच्चों को शेल्टर होम्स में रखा जा रहा है।
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