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डबल इंजन की सरकार दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों तक पहुंच रहा विकास

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि डबल इंजन की सरकार का काम करने का एक अलग तरीका है जिसमें प्राथमिकता के तहत लोगों के जीवन को आसान बनाया जा रहा है। डबल ईंजन की सरकार जनजातीय क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों में विकास पर सबसे अधिक बल दे रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिमाचल के चंबा में कई परियोजनाओं की शुरुआत की। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में पूरे देश के पहाड़ी क्षेत्रों में, दुर्गम इलाकों में, जनजातीय क्षेत्रों में तेज विकास का एक महायज्ञ चल रहा है। इसका लाभ हिमाचल के चंबा को मिल रहा है, पांगी-भरमौर, छोटा-बड़ा भंगाल, गिरिपार, किन्नौर और लाहौल स्पीति जैसे क्षेत्रों को मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर दुर्गम और दूरदराज के क्षेत्रों को विकास से वंचित रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें काम की आसानी को देखते हुए सुविधाएं पहुंचाती थी। उनका ध्यान इस बात पर होता था कि मेहनत कम लगे और राजनीतिक लाभ ज्यादा मिले। इसके चलते दुर्गम और जनजातीय क्षेत्र सुविधाओं से वंचित रहते थे जबकि सबसे ज्यादा विकास कार्यों की जरूरत इन्हीं क्षेत्रों की थी।

उन्होंने कहा, “जब मैं आपके बीच रहता था तो कहा करता था, कि हमें कभी न कभी उस बात को मिटाना होगा, कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी उसके काम नहीं आती, आज हमने उस बात को बदल दिया है। अब यहां का पानी भी आपके काम आएगा और यहां की जवानी भी जी-जान से अपनी विकास की यात्रा को आगे बढ़ाएगी।”

पिछली सरकारों पर विकास परियोजनाओं को लटाकाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री धूमल, शांता कुमार को अक्सर छोटी-मोटी परियोजनाओं को मंजूरी दिलाने के लिए दिल्ली के चक्कर लगाने पड़ते थे। दिल्ली में उनकी सुनवाई नहीं होती थी। हिमाचल की मांगे और फाइलें भटकती रहती थी। इसके चलते चंबा जैसे प्राकृतिक, सांस्कृतिक और आस्था से समृद्ध क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे रह गए। 75 साल बाद उन्हें चंबा के विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित करना पड़ा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने एक और फैसला लिया है। सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का फैसला ये दिखाता है कि हमारी सरकार जनजातीय लोगों के विकास को कितनी प्राथमिकता दे रही है।

प्रधानमंत्री ने आज यहां दो पनबिजली परियोजनाओं- 48 मेगावाट की छंजू-III पनबिजली परियोजना और 30 मेगावाट की देवथल छंजू पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी। इन दोनों परियोजनाओं से सालाना 270 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा और इन परियोजनाओं से हिमाचल प्रदेश को लगभग 110 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने राज्य में लगभग 3,125 किलोमीटर सड़कों के उन्नयन के लिए हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)-III का भी शुभारंभ किया। राज्य के 15 सीमावर्ती और दूर-दराज के ब्लॉकों में 440 किलोमीटर सड़कों के उन्नयन के लिए केन्द्र सरकार ने 420 करोड़ रुपये से अधिक स्वीकृत किए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शुरू की गई परियोजनाओं से चंबा और विभिन्न गावों को लाभ मिलेगा। इससे सड़क संपर्क, बिजली और रोजगार बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान लोगों की जिदंगी बचाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनकी सरकार ने रात-दिन मेहनत की। उन्होंने कहा कि आज आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये का मुफ्त इलाज मिल रहा है। इस योजना के सबसे बड़े लाभार्थी भी वही लोग हैं, जो कभी अस्पताल तक नहीं जा पाते थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में हिमाचल की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं। देश आजादी के 100 वर्ष होने पर हिमाचल के भी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होंगे। ऐसे में आने वाले 25 वर्षों में एक-एक दिन महत्वपूर्ण है।

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