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श्रद्धा हत्याकांड में नार्को टेस्ट की तैयारी

नई दिल्ली 16 नवंबर (हि.स.)। दक्षिण जिले के छत्तरपुर इलाके में श्रद्धा हत्याकांड जांच के मामले में उलझी दिल्ली पुलिस अब आरोपित आफताब का नार्को टेस्ट करा सकती है। उससे पहले पुलिस ने लाई डिटेक्टर कराने का फैसला किया है। इसके लिए पुलिस गुरुवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट में अर्जी लगाएगी। यदि कोर्ट की अनुमति मिलती है तो गुरुवार की रात में ही आरोपित को लाई डिटेक्टर के लिए ले जाया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने यह फैसला आरोपित द्वारा गुमराह किए जाने की आशंका को देखते हुए लिया है। आरोपित फिलहाल पांच दिन के पुलिस रिमांड पर है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक रिमांड में तीन दिन का समय निकल चुका है। इस दौरान आरोपित की निशानदेही पर तीन बार क्राइम सीन भी हो चुका है, लेकिन अभी भी आरोपित के कबूलनामे को साबित करने वाले साक्ष्य पुलिस के पास नहीं हैं। पुलिस के पास इस वारदात की मौखिक कहानी तो है, लेकिन अभी तक वारदात की टूटी हुई कड़ियों को जोड़ने के लिए साक्ष्य नहीं हैं। ऐसे हालात में पुलिस के पास अब साक्ष्य जुटाने के लिए इलेक्ट्रानिक सर्विलांस और वैज्ञानिक परीक्षण ही एक मात्र उपाय रह गए हैं। सूत्रों के मुताबिक पहले आरोपित का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया जाएगा। इसके लिए गुरुवार की सुबह ही कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी जाएगी। लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए पुलिस ने सौ से अधिक सवालों की सूची तैयार की है। यह पूरी सूची आरोपित के कबूलनामे के आधार पर तैयार की गई है। इन सवालों में पुलिस का मुख्य केन्द्र वारदात में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी से लेकर श्रद्धा वॉकर की सिर तथा कलाई और घुटने की हड्डियों की जानकारी जुटाना होगा। इस दौरान पुलिस यह भी पता करने की कोशिश करेगी कि आरोपित ने कहीं किसी और महिला को शिकार तो नहीं बनाया है। नार्को की तैयारी कर रही पुलिस के सामने सबसे बड़ी समस्या आरोपित की सहमति को लेकर है। हालांकि अब तक पुलिस ने जो भी पूछा, आरोपित ने बेहिचक बताया। लेकिन पुलिस को शक है कि वह ऐसा गुमराह करने के लिए कर रहा है। ऐसे में आशंका है कि कोर्ट में जब पुलिस नार्को की अर्जी लगाएगी तो यह विरोध कर सकता है। ऐसे में पुलिस ने पहले लाई डिटेक्टर कराने का फैसला किया है। वहीं जानकारी के अनुसार, बिना आरोपित की सहमति के नार्को टेस्ट नहीं कराया जा सकता है।
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