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पाकिस्तान में प्रधान न्यायाधीश की शक्तियों को कम करने की तैयारी

इस्लामाबाद, 29 मार्च। पाकिस्तान की हुकूमत मुल्क के प्रधान न्यायाधीश की विवेकाधीन शक्तियां कम करने की तैयारी कर रही है। पहले से ही आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे मुल्क में इससे विधायिका और न्यायपालिका में टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार के बीती शाम (मंगलवार) दिए गए वक्तव्य से तो यह संकेत मिले हैं। उन्होंने संसद के निचले सदन में सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसिजर) बिल- 2023 पेश किया है। यह बिल प्रधान न्यायाधीश के किसी मसले को स्वत: संज्ञान लेने की विवेकाधीन शक्तियों को सीमित करता है। सदन ने इस बिल को आगे की मंजूरी के लिए नेशनल असेंबली की स्टैंडिंग कमेटी ऑन लॉ एंड जस्टिस के पास भेज दिया है। आज (बुधवार) चौधरी महमूद बशीर विर्क की अध्यक्षता में कमेटी फैसला सुनाएगी। कमेटी इसे वापस निचले सदन में भेजेगी। यहां से बिल पास होने के बाद इसे सीनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
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