जोधपुर, 02 अक्टूबर (हि.स.)। आद्यशक्ति मां दुर्गा की उपासना-आराधना का पर्व शारदीय नवरात्रा तीन अक्टूबर को घर-घर घट स्थापना के साथ शुरू होगा। इस बार माता रानी पालकी पर सवार होकर आएंगी। पहले दिन घटस्थापना पर तीन दुर्लभ एवं शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। इस बार 9 की बजाय 10 दिन की शारदीय नवरात्रि होगी क्योंकि नवरात्रि की एक तिथि में वृद्धि होने के कारण शारदीय नवरात्रि 3 से 12 अक्टूबर तक होगी। सबसे खास बात यह है कि नवमी की पूजा और विजयादशमी का पर्व भी एक ही दिन मनाया जाएगा। इस बार तृतीया तिथि की वृद्धि हुई है। पांच एवं छह अक्टूबर को तृतीया तिथि रहेगी। इस कारण शारदीय नवरात्रि का समापन 12 अक्टूबर को होगा और इसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि तृतीया तिथि 5 अक्टूबर को प्राप्त 5.31 से शुरू होकर अगले दिन 6 अक्टूबर को सुबह 7.50 बजे तक रहेगी। यह तिथि दोनों दिन के सूर्योदय को स्पर्श करेगी इसलिए दोनों दिन तृतीया तिथि का पूजन होगा। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्टूबर की सुबह 12.19 मिनट से होगा और इसका समापन अगले दिन 4 अक्टूबर की सुबह 2.58 मिनट पर होगा।
उदया तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि गुरुवार 3 अक्टूबर से आरंभ होंगी और इस पर्व का समापन शनिवार 12 अक्टूबर को होगा। पं. अनीष व्यास ने बताया कि यूं तो मां दुर्गा का वाहन सिंह को माना जाता है, लेकिन हर साल नवरात्रि के समय तिथि के अनुसार माता अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं। देवीभागवत पुराण के अनुसार अगर नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो इसका मतलब है कि माता हाथी पर आएंगी। शनिवार और मंगलवार को माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि का आरंभ हो रहा हो, तब माता डोली या पालकी पर आती हैं। बुधवार के दिन नवरात्र पूजा आरंभ होने पर माता नाव पर आरुढ़ होकर आती हैं।
सुबह नवमी पूजन और शाम को दशहरा
डॉ अनीष व्यास ने बताया कि शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 11 अक्टूबर को दोपहर 12:07 बजे आ जाएगी। जो 12 अक्टूबर को सुबह 10.59 बजे तक रहेगी। इसके बाद दसवीं तिथि आएगी इसलिए 12 अक्टूबर को सुबह नवमी का पूजन होगा और शारदीय नवरात्रि का समापन इसी दिन माना जाएगा। शाम को दशहरा यानी विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही दशहरा पर शस्त्र पूजा भी इसी दिन होगी और शाम को रावण दहन किया जाएगा। जबकि शनिवार होने की वजह से और अगले दिन रविवार को उदियात तिथि में दशमी तिथि होने की वजह से नवरात्रि का उत्थापन रविवार को होगा।
चामुंडा मां के मंदिर में सुबह सात बजे से होंगे दर्शन
शहर के मेहरानगढ़ किला स्थित चामुंडा माता मंदिर में दर्शन के लिए सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक व्यवस्था रहेगी। नवरात्रा को देखते हुए किले में जयपोल के बाहर से एक लाइन में प्रवेश व्यवस्था होगी, जो मंदिर तक रहेगी व डीएफएमडी गेट से ही जयपोल व फतेहपोल से दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। पट्टे पर महिलाओं, बच्चे व वृद्धजनों दिव्यांगों के लिए आने-जाने की व्यवस्था रहेगी व इनका ही आगमन-निर्गमन होगा। महिलाओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था पट्टे पर रहेगी। पुरुषों के लिए सलीम कोट से होकर बसन्त सागर से आने-जाने की व्यवस्था होगी। पुरुषों की ओर से प्रसाद चढ़ाने की व्यवस्था बसन्त सागर पर महामृत्युंजय मूर्ति वाले मार्ग पर की जाएगी। मंदिर में पॉलिथीन में प्रसाद लाने पर प्रतिबंध रहेगा। सुरक्षा की दृष्टि से अलग-अलग स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। पुलिस कन्ट्रोल रूम व मीडिया सेल की भी व्यवस्था रहेगी। मेले में श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी, जनरेटर, ट्रस्ट के सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था भी जगह-जगह रहेगी। एम्बुलेंस व फायर बिग्रेड की तैनात रहेगी।
बंगाली समाज का दुर्गा पूजा महोत्सव सात से
जोधपुर में रह रहे बंगाली समाज की ओर से 82वां दुर्गा पूजा महोत्सव आश्विन शुक्ल पंचमी सात अक्टूबर से दुर्गाबाड़ी में मनाया जाएगा। जोधपुर दुर्गाबाड़ी समिति के अध्यक्ष मिलन सेनगुप्ता ने बताया कि सात अक्टूबर को घट स्थापना की जाएगी। आठ से 12 अक्टूबर तक धार्मिक आयोजन होंगे। उन्होंने बताया कि बंगाल के कारीगर तालाब-नदी की मिट़्टी से प्रतिमा तैयार कर रहे हैं। महोत्सव को धूमधाम से मनाने को लेकर समिति सदस्यों की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड 9 सेक्टर सिद्धेश्वर महादेव मंदिर परिसर में मां दुर्गा की अस्थाई मूर्ति स्थापना के लिए भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है जो 50 स्क्वायर फीट, हाइट लगभग 25 फीट है एवं निर्माण में लगभग 7.5 लाख का खर्चा हुआ है।