जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय सभागार में आज शुक्रवार को जिलाधिकारी नालंदा में आयी बाढ़ विभीषिका की त्रासदी झेल रहे गांव का दौरा कर आपदा प्रबंधन से संबंधित पदाधिकारियों के साथ आपात बैठक की। इस मौके पर डीएम ने बताया कि झारखण्ड राज्य में अत्यधिक वर्षा होने के कारण नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के फलस्वरूप उदेरा स्थान बराज से पानी छोड़ा गया है, जिसके कारण नालंदा जिले के कुछ प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हो गये है, जिसमें प्रमुख निदियां लोकाईन, जीराईन, सकरी एवं कुम्भरी नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण हिलसा, एकंगरसराय, करायपरसुराय, अस्थावां एवं बिन्द अंचल अंतर्गत कुल-12 स्थानों यथा ग्राम-कोरथू, लालाविगहा, धूरीविगहा, सोहरापुर ,चमंडी, गुलडिया विगहा, सदरपुर, बरहोग, गोविन्दपुर, जैतीपुर, मोहद्दीपुर एवं रसलपुर में नदी का तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ है। उक्त तटबंध कटाव की मरम्मती कार्य पूरा कर लिया गया है ।निर्देश देते हुए डीएम ने कहा कि बाढ़ आपदा प्रबंधन के तहत कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण प्रमंडल, बिहारशरीफ, एकंगरसराय द्वारा क्षतिग्रस्त जमींदारी बाँध तटबंध की सुरक्षा हेतु पर्याप्त मात्रा में श्रमिक एवं एन०सी० बैग की सहायता से मरम्मति कार्य में तेजी से किया गया है और बाढ़ आपदा प्रबंधन के तहत सभी संबंधित अंचलाधिकारी द्वारा अपने अपने बाढ प्रभावित क्षेत्रों में माईकिंग के माध्यम से बाढ़ से बचाव हेतु उंचे सुरक्षित स्थलों पर शरण लेने हेतु लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
जिलेभर में आये बाढ़ त्रासदी से अबतक कुल 4000 जनसंख्या एवं 799 पशुधन प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन के तहत कुल 02 सामुदायिक रसोई का संचालन प्रारम्भ किया गया है। प्रभावित परिवारों के बीच अबतक 402 पॉलिथीन शीट्स एवं 1118 सूखा राशन पैकेट का वितरण किया गया है। पशु मालिकों के बीच अबतक कुल 316.60 क्वींटल पशुचारा का वितरण किया गया है ।पशु चिकित्सा कैंप में 327 पशुओं का इलाज भी किया गया है ।
बाढ़ विभीषिका से बचाव हेतु एकंगरसराय एवं हिलसा प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ टीम द्वारा लगातार हरसंभव सहायता पहुंचाई जा रही है।वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप के माध्यम से मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है।