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सीडीएस पहली बार पहुंचे गणतंत्र दिवस शिविर, एनसीसी कैडेट्स से मिले

नई दिल्ली, 17 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली कैंट में चल रहे एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर का मंगलवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने दौरा किया। सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों के एक दस्ते ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को 'गार्ड ऑफ ऑनर' प्रदान किया। उन्होंने कहा कि इस देश के युवाओं में अनुशासन और नेतृत्व जैसे गुण विकसित करने में एनसीसी का योगदान अनुकरणीय है। यह पहला मौका है, जब किसी सीडीएस ने एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर का दौरा किया है। देश के पहले सीडीएस दिवंगत जनरल बिपिन रावत ने बतौर सेनाध्यक्ष तो शिविर का दौरा किया था, लेकिन बतौर सीडीएस के दो साल के कार्यकाल में एनसीसी कैम्प नहीं जा पाए थे। सीडीएस जनरल अनिल चौहान के सामने एनसीसी कैडेट ने बैंड की शानदार प्रस्तुति दी। सीडीएस ने एनसीसी कैडेटों के 'ध्वज क्षेत्र' का भी दौरा किया, जहां विभिन्न सामाजिक जागरुकता से संबंधित विषयों और सांस्कृतिक गतिविधियों को दिखाया गया है। इन कैडेटों ने सीडीएस को अपने संबंधित राज्य निदेशालय की विषयवस्तुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके अलावा सीडीएस ने एनसीसी के हालिया दिनों में पुनर्निर्मित 'हॉल ऑफ फेम' का भी दौरा किया, जिसमें एनसीसी के पूर्व छात्रों की तस्वीरों और एनसीसी की तीनों शाखा के अन्य दृश्यों के समृद्ध अभिलेखीय संग्रह का प्रदर्शन किया गया है। इसके बाद अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने एनसीसी सभागार में कैडेटों की ओर से प्रस्तुत एक शानदार 'सांस्कृतिक कार्यक्रम' को देखा। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने रेखांकित किया कि एनसीसी 17 लाख कैडेटों के एक स्वयंसेवी संगठन के रूप में विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि इस देश के युवाओं में अनुशासन और नेतृत्व के गुण विकसित करने में एनसीसी का योगदान अनुकरणीय है। सीडीएस ने 75 वर्षों तक राष्ट्र की निःस्वार्थ सेवा करने के लिए एनसीसी को बधाई दी। सीडीएस ने सामाजिक जागरुकता गतिविधियों में एनसीसी के व्यापक योगदान को रेखांकित करते हुए 'पुनीत सागर अभियान' के बारे में बताया। इस अभियान का उद्देश्य समुद्री तटों से प्लास्टिक और अन्य कचरे को हटाकर उसे फिर से उपयोगी बनाना, स्वच्छ व प्राचीन समुद्र तटों की जरूरत और प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरुकता उत्पन्न करना है। जनरल चौहान ने कहा कि इस अभियान के साथ लोगों की सोच जुड़ चुकी है। अब तक लगभग 13.5 लाख एनसीसी कैडेटों ने अभियान में हिस्सा लिया है और लगभग 208 टन प्लास्टिक कचरा जमा किया गया है, जिसमें से 167 टन को रीसाइक्लिंग के लिए भेजा गया है। उन्होंने विभिन्न खेल आयोजनों में एनसीसी कैडेटों के असाधारण प्रदर्शन को भी सराहा।
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