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दस महीने में 28 बार हिल चुकी है नेपाल की धरती

काठमांडू, 09 नवंबर (हि.स.)। नेपाल में मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात को आया भूकंप इस साल का सबसे तीव्र था। इस वर्ष बीते दस महीने में 28 बार भूकंप झेल चुके नेपाल को बीते दो दिनों में तीन बार झटके लगे हैं। रात को आधी रात के बाद आया भूकंप इतना भयावह था कि उससे निपटने के लिए सेना बुलानी पड़ी है। अब तक छह लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है। नेपाल में 9 नवंबर की रात को 1 बजकर 57 मिनट पर 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का एपिसेंटर नेपाल के मणिपुर में जमीन से 10 किमी. नीचे था। भूकंप इतना तेज था कि लोग नींद से जाग गए। डरे सहमे लोग घरों से बाहर निकल आए। इसके बाद अधिकांश लोगों ने सड़कों पर ही रात बिताई। सुबह पता चला कि भूकंप के कारण नेपाल में जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया। कई जगहों पर भूस्खलन होने से आवाजाही प्रभावित हो गयी। दोती जिले में एक घर गिरने से 6 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा भूकंप की चपेट में आकर दर्जनों घर तबाह हो गए। नेपाल में इस साल 28 भूकंप आए हैं। इसमें सबसे ज्यादा तीव्रता का भूकंप मंगलवार रात को आया। इससे पहले 31 जुलाई 2022 को खोतांग जिले में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके अलावा 19 अक्तूबर को भी 5.9 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे। मंगलवार रात आये भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। नेपाल के मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, दो दिनों में तीसरी बार भूकंप के झटके महसूस हुए। मंगलवार को दोती जिले में सुबह 9 बजकर 56 मिनट पर 4.1 तीव्रता और 9 बजकर 7 मिनट पर 5.7 तीव्रता का भूकंप आया था। ये झटके भी दोती जिले में ही महसूस किए गए। दोती जिले की चीफ डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर कल्पना श्रेष्ठा ने बताया कि एक महिला व दो बच्चों सहित छह लोगों की मौत के अलावा पांच लोग घायल हुए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भूकंप इतना तेज था कि भूकंप के बाद सेना को बुलाना पड़ गया। अधिकारियों का कहना है कि कुछ क्षेत्रों में ज्यादा नुकसान की सूचना है। अभी तक जिन घरों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है, वहां सेना व अन्य राहत टीमों के द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी हुए नुकसान की जानकारी ली जा रही है। भूकंप के बाद नेपाली प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर भूकंप में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने संबंधित एजेंसियों को प्रभावित क्षेत्रों में घायलों और पीड़ितों के तत्काल और उचित उपचार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
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