नैनीताल, 6 अगस्त (हि.स.)। हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं और लगातार हो रही घोड़ों की मौतों के मामले में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जिला पंचायत चमोली और उत्तरकाशी सहित अन्य को दोबारा से जवाब दाखिल करने का समय देते हुए अपना पक्ष रखने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार समाजसेवी गौरी मौलेखी व अजय गौतम ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि चारधाम यात्रा में अब तक 600 घोड़ों की मौत हो चुकी है, जिससे उस इलाके में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। याचिका में कहा कि जानवरों और इंसानों की सुरक्षा के साथ उनको चिकित्सा सुविधा दी जाए। इसके साथ याचिका में कहा कि चारधाम यात्रा में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे जानवरों और इंसानों के समक्ष भोजन और रहने की समस्या आ रही है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट से मांग की गई कि यात्रा में कैरिंग कैपेसिटी के हिसाब से ही श्रद्धालुओं सहित घोड़ों व खच्चरों को भेजा जाए। उतने ही लोगों को अनुमति दी जाए, जिससे लोगों को खाने पीने रहने की सुविधा मिल सके। जानवरों पर अत्याचार नहीं किया जाए।