Logo
Header
img

पहली कक्षा में प्रवेश की न्यूनतम आयु 6 साल रखी जाए

नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे पहली कक्षा (ग्रेड-1) में दाखिले की न्यूनतम उम्र छह साल करें। केंद्र ने राज्यों से पूर्व-स्कूली शिक्षा (डीपीएसई) पाठ्यक्रम में दो साल का डिप्लोमा डिजाइन करने और चलाने की प्रक्रिया शुरू करने का भी अनुरोध किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 देश के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में 'बुनियादी स्तर' पर बच्चों के सीखने की शक्ति और समझ विकसित करने की सिफारिश करती है। पहले यानी मूलभूत चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए पांच साल सीखने के अवसर होते हैं, जिसमें तीन साल की प्री-स्कूल शिक्षा और दो साल की प्रारंभिक प्राथमिक ग्रेड- I और ग्रेड- II शामिल हैं। मूलभूत चरण में सबसे महत्वपूर्ण कारक योग्य शिक्षकों की उपलब्धता है, जो विशेष रूप से आयु और विकासात्मक रूप से उपयुक्त पाठ्यक्रम और शिक्षा शास्त्र में प्रशिक्षित हैं। फाउंडेशनल स्टेज के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ-एफएस) भी हाल ही में यानी 20 अक्टूबर 2022 को लॉन्च किया गया है। इस दृष्टि को पूरा करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवेश प्रदान करने के लिए छह साल की आयु के निर्देश दोहराये हैं। राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे अपने राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में प्रीस्कूल शिक्षा में दो साल का डिप्लोमा (डीपीएसई) पाठ्यक्रम तैयार करने और चलाने की प्रक्रिया शुरू करें। पाठ्यक्रम को राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा डिजाइन किए जाने और एससीईआरटी की देखरेख और पकड़ में जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) के माध्यम से चलाने की उम्मीद है।
Top