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जी-20 की अद्भुत सफलता महादेव के आशीर्वाद से संभव हुई : प्रधानमंत्री

वाराणसी/नई दिल्ली, 23 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन की अद्भुत सफलता महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुई है। उन्होंने कहा कि बाबा की कृपा से काशी अब विकास के अभूतपूर्व आयाम गढ़ रही है। प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र में काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में लगभग 1,115 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 16 अटल आवासीय विद्यालय राष्ट्र को समर्पित किए। उन्होंने कहा, “आज भी, दुनिया भर से लोग यहां (काशी) संस्कृत सीखने आते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने आज लगभग 1,100 करोड़ रुपये की लागत से बने 'अटल आवासीय विद्यालयों' का उद्घाटन किया।” प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि जी20 (शिखर सम्मेलन) महादेव के आशीर्वाद के कारण सफल रहा। बाबा के आशीर्वाद से काशी का सम्मान आज नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि जी20 समिट के जरिए भारत ने पूरी दुनिया में अपना झंडा गाड़ा है। लेकिन उसमें काशी की चर्चा विशेष है। काशी की सेवा, स्वाद, संस्कृति और काशी का संगीत, जी20 का हर मेहमान इसे अपनी यादों में समेट कर साथ लेकर गया है। मोदी ने कहा कि 2014 में जब मैं यहां आया था, तो मैंने जिस काशी की कल्पना की थी, विकास और विरासत का वो सपना अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है। 

मुझे विश्वास है कि बनारस के लोगों के प्रयास से आने वाले वर्षों में ये सांस्कृतिक महोत्सव अपने आप में काशी की एक अलग पहचान बनने वाला है। उन्होंने कहा कि काशी और संस्कृति एक ही ऊर्जा के दो नाम हैं। काशी को तो देश की सांस्कृतिक राजधानी होने का गौरव प्राप्त है, यहां की गली गली में गीत गूंजते हैं। ये स्वाभाविक भी है, क्योंकि ये नटराज की अपनी नगरी है। सारी नृत्य कलाएं नटराज के तांडव से ही प्रकट हुई हैं। सारे स्वर महादेव के डमरू से उत्पन्न हुए हैं। सारी विद्याओं ने बाबा के विचारों से जन्म लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां काशी सांसद खेल प्रतियोगिता के पोर्टल को भी लॉन्च किया गया है। सांसद खेल प्रतियोगिता हो, सांस्कृतिक महोत्सव हो, ये तो काशी में नई परंपराओं की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि अब यहां काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। कोशिश यही है कि काशी के इतिहास, समृद्ध विरासत, यहां के त्योहार, यहां के खानपान के प्रति जागरूकता और बढ़े।
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