-सनातन धर्मियों को एक जुट करने की पहल--दिल्ली में आयोजित की जाएगी एक धर्म सभा
महाकुम्भ नगर, 14 फरवरी (हि.स.)। तीर्थराज प्रयाग के महाकुम्भ में पावन स्नान करने आए मेवाड़ धर्म प्रमुख धर्मांसद अधिकारी शंकराचार्य पीठ ज्योतिर्मठ श्री श्री रोहित गोपाल सूत महाराज ने कहा कि हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा तभी साकार होगी, जब विश्व के सभी सनातन धर्मावलम्बी एकजुट होंगे।
उन्होंने कहा कि भगवान राम के आदर्श, चरित्र और नीतियों को आत्मसात करते हुए हमें एक ऐसा संगठन तैयार करना है जो विश्व भर में फैले सनातन धर्मियों को एकजुट कर सके। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए दिल्ली में देश भर के संतो, धर्माचार्य और सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों से जुड़े लोगों की धर्म सभा आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर विभिन्न धर्माचार्यों, सामाजिक संस्थाओं, राजनीतिक दलों और सनातन धर्म के अनुयायियों ने एकजुट होकर राम राष्ट्र के समर्थन में संकल्प लिया।
धर्म प्रमुख ने स्पष्ट किया कि वेद, शास्त्र और पुराणों में हिन्दू राष्ट्र का कोई उल्लेख नहीं है। जबकि राम राष्ट्र की अवधारणा सम्पूर्ण विश्व कल्याण के लिए है। उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना संकुचित मानसिकता को जन्म देती है और समाज में भेदभाव और अराजकता को बढ़ावा देती है। जबकि राम राष्ट्र वसुधैव कुटुंबकम् के सिद्धांत पर आधारित होता है। जहां प्रत्येक जाति, धर्म और विचारधारा का सम्मान होता है।
इस दौरान उन्होंने हिन्दू राष्ट्र की मांग करने वालों से वेद और शास्त्रों का अध्ययन करने का आग्रह किया। जिससे वे समझ सकें कि प्रभु श्रीराम द्वारा स्थापित मर्यादा और विधि ही परम धर्म का मार्ग है। उन्होंने सभी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों से राम राष्ट्र की स्थापना के लिए एकजुट होने की अपील की और महाकुम्भ में इसे संकल्पित करने का आह्वान किया।