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समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने पर सुप्रीम कोर्ट 13 मार्च को करेगा सुनवाई

नई दिल्ली, 06 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने की मांग करने वाली विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं को सुनवाई के लिए अपने पास ट्रांसफर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा। कोर्ट ने केन्द्र सरकार को 15 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। 13 मार्च को अगली सुनवाई होगी। एक समलैंगिक जोड़े ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। इसी मामले में दो और याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। पिछले दस सालों से एक साथ रहने वाले हैदराबाद के सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग की याचिका में कहा गया है कि समलैंगिक विवाह को भी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत लाया जाना चाहिए। कोरोना की दूसरी लहर केे दौरान दोनों इससे संक्रमित हो गए। अब दोनों ने साथ रहने की नौवीं सालगिरह पर शादी करने का फैसला लिया है। याचिका में स्पेशल मैरिज एक्ट को असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि स्पेशल मैरिज एक्ट समान लिंग वाले जोड़ों और विपरीत लिंग वाले जोड़ों में भेदभाव करता है। याचिका में नवतेज सिंह जोहार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया है, जिसमें एलजीबीटी समुदाय के लोगों को बराबरी, गरिमा और निजता के अधिकार दिए गए हैं। ऐसे में एलजीबीटी समुदाय के लोगों को अपनी मर्जी के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार मिलना चाहिए।
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